November 22, 2024

धरने पर बैठे आदिवासी ग्रामीण, आंदोलनकारियों ने पुलिस पर मारपीट करने का लगाया आरोप

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Bhilai Durg Times

नारायणपुर। जिले के अबूझमाड़ मुख्यालय ओरछा के नदी पारा में बीते 11 महीनों से धरने पर बैठे आदिवासी ग्रामीणों ने पुलिस के जवानों पर उनसे मारपीट करने का आरोप लगाया है. बता दें की नारायणपुर जिले के 5 अलग-अलग जगहों पर अबूझमाड़ के ग्रामीणों अपनी तीन सूत्रीय मांगो को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं. जिसमें नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ के अंदरूनी इलाके सोनपुर, कच्चापाल, तोयामेटा, मड़ोनार और ओरछा शामिल है.

वहीं ओरछा में बैठे ग्रामीणों का आरोप है की वहां बीते 11 महीनों से 104 गांव के लोग सरकार के खिलाफ 3 सूत्रीय मांगों को लेकरशांतिपूर्ण तरीके से धरने पर बैठे हुए हैं. इसी दौरान शुक्रवार की सुबह ओरछा थाने से डीआरजी के जवान लगभग 150 की संख्या में उनके पास पहुंचे और ग्रामीणों से मारपीट की. ग्रामीणों का आरोप है की उनके कुछ साथियों को पुलिस थाने में ले जाकर मारपीट की है.मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हेमसागर सिदार ने कहा जिले में आचार संहिता और धारा 144 लगा हुआ. जिसके चलते ग्रमीणों को धारा 144 का उल्लंघन न करने की समझाइश देने जवान गए हुए थे. उसी दौरान ग्रामीण जवानों पर हावी होने लगे, जिसके बाद जवानों के साथ हलकी झुमाझटकी हो गई. जिससे कुछ जवानों को मामूली चोट आई और पुलिस ने पूरे मामले पर ग्रामीण के खिलाफ ओरछा थाने में प्राथमिक रिपोर्ट भी दर्ज किया है.ग्रामीणों ने जवानों पर तोड़फोड़ का आरोप लगाया. ग्रामीणों ने लल्लूराम डॉट कॉम की टीम को जवानों के द्वारा किये गए तोड़फोड़ किये गए सामानों के साक्ष भी दिखाए. वहीं ग्रामीणों ने कहा की टंगिया, फर्सा, लाठी और तीर धनुष हमारे पारंपरिक हथियार और परंपरागत तरीके से हम हथियारों को अपने साथ रखते हैं. वही पुलिस के जवानों द्वारा हम पर कितना भी अत्याचार किया जाए हम अपने मांगों को लेकर अडिग है और इसी तरह हम डटे रहेंगे.बस्तर का ग्रामीण इसी तरह सिक्को की दो पहलुओं पर पिस रहा है. बस्तर का ग्रामीण कभी नक्सलियों तो कभी पुलिस के दबाव में जीवन यापन करने मजबूर है. वहीं ग्रामीणों का बस्तर के अंदरूनी इलाकों में लम्बे समय से धरने पर बैठना और सरकार के द्वारा उनकी मांगों पर अनदेखी करना. यह दर्शाता है बीते चार दशकों से बस्तर में चल रही नक्सलवाद की जंग ने एक नया मोड़ ले लिया हो.

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