जांजगीर लोकसभा की 8 विधानसभा सीटों में भाजपा का खाता नही खुला
सक्ती। छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने एक बार फिर से शानदार वापसी की है. प्रदेश में 54 सीटों के साथ भाजपा सरकार बनने जा रही है. लेकिन जांजगीर लोकसभा की 8 विधानसभा सीटों में भाजपा का खाता नही खुला है. इन सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल करने ऐड़ी चोटी का जोर लगा दिया था बावजूद इसके उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा. वहीं जैजैपुर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी और बीजेपी जिलाध्यक्ष ने भितरघातियों पर हार का ठीकरा फोड़ा है.बता दें कि जैजैपुर विधानसभा से इस बार भाजपा ने जिला अध्यक्ष कृष्णकांत चंद्रा को प्रत्याशी बनाया था, जो लंबे समय से पार्टी में संगठन का कार्य संभाल रहे थे. और इस बार पार्टी ने उन्हें उनकी काबिलियत देखते हुए विधानसभा चुनाव में मैदान में उतारा था. जैजैपुर विधानसभा जिसे बसपा का किला माना जाता है. जहां से पिछले दो बार से बसपा के विधायक चुनाव जीतते आ रहे है. वहां इस बार भाजपा और कांग्रेस के बीच टक्कर देखने को मिली. बसपा विधायक इस बार तीसरे नंबर में ही जा के अटक गए, भाजपा से कृष्णकांत चंद्रा और कांग्रेस से बालेश्वर साहू के बीच मुकाबला चला, जिसमे कांग्रेस के बालेश्वर साहू यहां से चुनाव जीत चुके है.
भितरघातियों के आगे धनबल और अनुभव भी हुआ फेल
जैजैपुर विधानसभा सीट में मिली हार भाजपा प्रत्याशी की नही बल्कि पार्टी की हार मानी जा रही है. क्योंकि कृष्णकांत चंद्रा धनबल और राजनीतिक अनुभव में कांग्रेस के बालेश्वर साहू से कही अधिक आगे माने जाते है. बाजूद इसके उनकी हार ने पार्टी के कई दिग्गज नेता पर सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर इतने मजबूत संसाधन और परिस्थिति होने के बाउजूद भी भाजपा प्रत्याशी के हार के पीछे क्या कारण है.
पार्टी के बड़े नेताओं पर भितरघात का आरोप
कृष्णकांत चंद्रा ने भितरघातिओ को भांप कर उनकी पहचान कर ली है और उनपर पार्टी की ओर से कार्यवाही कराने का मन भी बना लिया है. हार के बाद कृष्णकांत चंद्रा ने मीडिया में बयान भी दिया है जिसमे उन्होंने अपने जिले और खास कर जैजैपुर विधानसभा सीट की हार के लिए भितरघातियो पर आरोप लगाया है. उन्होंने भाजपा के कई बड़े नेता पर भितरघात करने का आरोप लगाया है. दो दिन पूर्व भाजपा पार्टी के जिला पंचायत सदस्य गगन जयपुरिया पर भी भितरघात का आरोप लगाकर उनको संघटन के महामंत्री पद से पदमुक्त करने का पत्र जारी किया था. मगर कृष्णकांत चंद्रा के अनुसार इस हार के पीछे पार्टी के बड़े नेता का बड़ा हाथ है. जिसका नाम फिलहाल उन्होंने खुलकर नहीं बताया है मगर उसपर कार्यवाही करवाने की बात जरूर की है.