November 23, 2024

महादेव सट्टा ऐप मामले में गिरफ्तार कथित कुरियर असीम दास के पिता सुशील दास कुएं में कूदकर कर ली आत्महत्या

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Bhilai Durg Times

दुर्ग। दुर्ग जिले से आत्महत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है. जहां महादेव सट्टा ऐप मामले में गिरफ्तार कथित कुरियर असीम दास के पिता सुशील दास ने कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली है. घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मर्ग कायम कर कुएं से शव को बाहर निकाला. बताया जा रहा है कि बेटे की गिरफ्तारी के बाद से वह काफी दिनों से तनाव में थे. अंडा थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है.जानकारी के मुताबिक असीम दास के पिता सुशील दास करीब पांच साल से अंडा थाना क्षेत्र के ग्राम अछोटी में रूपेश गौतम के फॉर्म हाउस में चौकीदारी का काम करते थे. वह फॉर्म हॉउस में बने कमरे में ही रहते थे. सोमवार की रात को करीब 11:30 बजे घर से निकले और फॉर्म हाउस में मौजूद कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली. मंगलवार को वह कमरे में नहीं मिले तो उनकी तलाश शुरू की गई. कुएं में झांककर देखा गया तो उनकी लाश तैरती नजर आई. इसके बाद अंडा पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को बाहर निकलवाया. सुशील दास के शव पर कोई चोट के निशान नहीं मिले हैं.

अंडा थाना प्रभारी आनन्द शुक्ला ने बताया कि ग्रामीणों और सुशील दास के सहकर्मियों से पूछताछ में उन्हें पता चला कि सुशील दास मिलनसार व्यक्ति थे, लेकिन कुछ दिनों से बहुत परेशान थे. पुलिस ने बताया कि बुधवार को सुशील दास के शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा.

सीएम भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपये पहुंचाने का लगाया था आरोप

जानकरी के लिए बता दें कि कथित कैश कूरियर असीम दास और कांस्टेबल भीम सिंह यादव को ईडी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण से चार दिन पहले 3 नवंबर को गिरफ्तार किया था. ईडी ने 3 नवंबर को दावा किया था कि फोरेंसिक विश्लेषण और ‘कैश कूरियर’ दास के बयान से खुलासा हुआ है कि महादेव सट्टेबाजी ऐप प्रमोटरों ने छत्तीसगढ़ के पुर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चुनावी खर्च के लिए लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया था. जिसपर गिरफ्तार कथित कूरियर ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि उसे एक साजिश के तहत फंसाया गया है और उसने कभी भी किसी भी राजनेता को कैश नहीं पहुंचाया है. पुर्व मुख्यमंत्री बघेल ने भी उनपर लगे आरोप से इनकार किया था और भाजपा पर चुनाव में हार की आशंका के चलते ईडी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था.

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