पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज, श्री राम गोपाल गर्ग की अध्यक्षता में आज साइबर अपराध एवं जे.सी.सी.टी. के संबंध में एक दिवसीय रेंज स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का आयोजन महात्मा गांधी कला मंदिर, सिविक सेंटर भिलाई में किया गया। कार्यशाला में दुर्ग रेंज के 150 से अधिक पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया।
श्री गर्ग ने कहा, "साइबर अपराधों का तेजी से बदलता स्वरूप हमारी पुलिस के सामने एक बड़ी चुनौती है। इस कार्यशाला का उद्देश्य हमारे अधिकारियों को इन चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक तकनीकी ज्ञान और साधनों से लैस करना है। हमें अपनी टीम की जांच क्षमताओं को और भी मजबूत बनाने की आवश्यकता है, ताकि वे साइबर अपराधों का प्रभावी ढंग से निपटारा कर सकें। साथ ही उन्होंने रेंज से आए अधिकारियों से कहा कि यहां जो भी आप यहां से सीख कर जाएंगे, उसे अपने थाने में उपयोग में लाकर अमल जरूर करें।"
पुलिस अधीक्षक दुर्ग, श्री जितेंद्र शुक्ला ने कहा कि " हमारे पुलिस अधिकारियों को साइबर अपराध की बढ़ती चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक तकनीकी जानकारी और कौशल प्रदान करना है। इससे हमारे अधिकारियों की जांच क्षमताओं में सुधार होगा और वे साइबर अपराधों को अधिक प्रभावी ढंग से निपट सकेंगे।"
कार्यशाला के वक्ता के रूप में नगर पुलिस अधीक्षक दुर्ग (भा.पु.से) श्री चिराग जैन के द्वारा पीपीटी के माध्यम से उपस्थित पुलिस अधिकारियों को साइबर अपराधों से निपटने के लिए JCCT के माध्यम से प्राप्त जानकारी में आवश्यक कार्यवाही के संबंध में बताया, साथ ही नवीनतम तकनीकों और विधियों के बारे में अद्यतन जानकारी प्रदान की, जिससे विवेचक अपनी जांच प्रक्रियाओं को अधिक मजबूत और प्रभावी बना सकें।
साइबर क्राइम एवं जेसीसीटी के संबंध में पुलिस मुख्यालय रायपुर से आए सहायक उप निरीक्षक श्री कृष्णा साहू के द्वारा लाइव डेमो के माध्यम से भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र एवं संयुक्त साइबर समन्वय दल के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी देकर विशिष्ट डाटा के उपयोग करने एवं अपलोड करने साइबर अपराधों से व्यापक एवं समन्वित तरीके से निपटने के तंत्र को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के द्वारा जारी किए गए विभिन्न पोर्टल्स के बारे में चर्चा कर उपस्थित अधिकारियों के प्रश्नों के उत्तर भी दिए।
नए कानून के ई-साक्ष्य एप के संबंध में वक्ता उप निरीक्षक रेंज सायबर थाना दुर्ग श्री संकल्प राय एवं आरक्षक श्री काशी बरेठ के द्वारा बताया गया कि नए क्रिमिनल लॉ के तहत किसी भी अपराध से संबंधित एविडेंस को डिजिटल रूप में संकलित सुरक्षित करने का प्रावधान किया गया है. इस एप को अनुसंधान अधिकारी अपने मोबाइल पर इंस्टॉल करके घटना से संबंधित साक्ष्यों को डिजिटल फॉर्म में रिकॉर्ड कर सकेंगे। सभी प्रकार के सर्च सीजर की वीडियोग्राफी भी इसी एप से की जाएगी. एप से अनुसंधान अधिकारी साक्ष्यों को डिजिटल फार्म में रिकॉर्ड कर सकेंगे। साथ ही कार्यशाला के अंतिम वक्ता के रूप में जिला बेमेतरा से आए उप निरीक्षक श्री मयंक मिश्रा के द्वारा सीडीआर के बारे में बताया कि "'साइबर अपराधों की जटिलताओं को समझने और उनके समाधान के लिए CDR (कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स) विश्लेषण एक महत्वपूर्ण उपकरण है। कार्यशाला में अधिकारियों को CDR के सही उपयोग और विश्लेषण की ट्रेनिंग दी गई, जिससे वे अपराधों की गहराई से जांच कर सकें और प्रभावी साक्ष्य संकलन कर सकें। इस ट्रेनिंग का उद्देश्य अधिकारियों को तकनीकी तौर पर सक्षम बनाना और साइबर अपराधों की जांच में उनकी दक्षता को बढ़ाना है।'"
कार्यशाला का मंच संचालन श्री सुखनंदन राठौर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दुर्ग के द्वारा किया गया। साथ ही कार्यशाला में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक झा, पुलिस अनुविभागीय अधिकारी श्री आशीष बंछोर, पुलिस अनुविभागीय अधिकारी श्री संजय पुंढीर, उप पुलिस अधीक्षक श्री विनोद मिंज, उप पुलिस अधीक्षक श्रीमती शिल्पा साहू, परि. उप पुलिस अधीक्षक श्री अजय कुमार सिंह सहित जिला दुर्ग से विभिन्न थानों/ शाखाओं से निरीक्षक, उप निरीक्षक, रेंज के साइबर सेल के तकनीकी अधिकारी, विवेचकगण सहित 150 से अधिक पुलिसकर्मी शामिल हुए।