दो केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय महासचिव चुनेंगे विधायक दल का नेता
रायपुर. देश के तीन प्रदेशों में बंपर जीत के बाद भाजपा अब मुख्यमंत्रियों की तलाश में है. परिणाम आने के पांच दिन बाद अभी तक तीनों जीते हुए राज्यों में बीजेपी ने मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान नहीं किया है. छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में सीएम के चेहरे को लेकर सस्पेंस जारी है. इस बीच छत्तीसगढ़ समेत दो अन्य राज्यों के लिए बीजेपी ने पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी है. जिसमें छत्तीसगढ़ में अर्जुन मुंडा, सर्वानंद सोनोवाल और दुष्यंत कुमार बतौर पर्यवेक्षक छत्तीसगढ़ में विधायक दल का नेता चुनेंगे. आइए जानते हैं कौन हैं ये तीनों राष्ट्रीय नेता, जिन्हें भाजपा ने तीनों प्रदेशों में सरकार का चेहरा ढूंढने की जिम्मेदारी दी है-
अर्जुन मुंडा- केंद्र सरकार में जनजातीय मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे अर्जुन मुंडा को भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़ का पर्यवेक्षक बनाया है.
सर्वानंद सोनोवाल- केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी, जलमार्ग एवं आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल भी पर्यवेक्षकों के पैनल में शामिल हैं. सोनोवाल असम के पूर्व मुख्यमंत्री भी रहे हैं. इस लिहाज से भी उन्हें ये जिम्मेदारी दी गई है. इन्हें पूर्वोत्तर में भाजपा सरकार बनाने का अगुवा माना जाता है.
दुष्यंत कुमार गौतम- संगठन का लंबा अनुभव रखने वाले भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत कुमार को भी पार्टी ने पर्यवेक्षक का दायित्व सौंपा है. वे हरियाणा से राज्यसभा सांसद भी रहे हैं. इस तरह इनके राजनीतिक और संगठनात्मक अनुभव को देखते हुए हुए इन्हें छत्तीसगढ़ में सीएम की तलाश की जिम्मेदारी दी गई है. इसके अलावा वे भाजपा संगठन के अलग-अलग पदों पर रह चुके हैं. दुष्यंत गौतम दिल्ली विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं. छात्र राजनीति में सक्रिय रहे दुष्यंत गौतम अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े और पढ़ाई खत्म करके मंडल अध्यक्ष बने. वहीं तीन बार वे भाजपा अनुसूचित मोर्चा के अध्यक्ष रहे.
1997 में पहली बार जिला पार्षद का चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था. अटल बिहारी वाजपेयी के आदर्श को अपनाकर दुष्यंत गौतम ने राजनीतिक जीवन में काम किया. साथ ही उन्होंने चुनावी राजनीति की जगह संगठन में काम करने पर जोर दिया.
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री की दौड़ में आगे चल रहे चेहरे-
छत्तीसगढ़ में सीएम पद को लेकर कई नामों पर चर्चा है. छत्तीसगढ़ में जिन नामों की चर्चा खूब रही है, वो विष्णुदेव साय, गोमती साय, रेणुका सिंह, डॉक्टर रमन सिंह, ओपी चौधरी और अरुण साव हैं. इन सबके अलावा महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस और आरएसएस से जुड़े नेता डॉ. पूर्णेन्दु सक्सेना का नाम भी सीएम की दौड़ में शामिल हो गया है. अब बीजेपी आलाकमान ही तय करेगा कि इन सभी में से किसे सीएम की कुर्सी में बिठाया जाएगा.