पुलिस मुख्यालय नवा रायपुर से प्राप्त इंटरसेपटर वाहन को पुलिस अधीक्षक दुर्ग द्वारा हरी झण्डी दिखाकर किया गया रवाना।
दुर्ग पुलिस द्वारा विगत 04 महीने से लगातार तीन नवीन आपराधिक कानून विषय पर कार्यशाला पुलिस विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों का प्रशिक्षण, कॉलेजो में कार्यक्रम किया जा रहा है आज दिनांक को कलामंदिर सेक्टर 06 भिलाई में पुलिस विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों के लिए 01 दिवसीय नवीन भारतीय न्याय संहिता विषय पर कार्यशाला एवं दिशा निर्देश का आयोजन किया गया।
पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा निर्देश दिया गया कि कोई भी प्रार्थी यदि एफआईआर लिखाने आता है चाहे वह कोई भी थाने से संबंधित हो तो लेना आवश्यक है।
कार्यक्रम में उपस्थित पुलिस अधिकारी/कर्मचारियां को नये कानून का पालन करने हेतु समझाईस एवं दिशा निर्देश दी गई।
पुलिस अधीक्षक महोदय, श्री जितेन्द्र शुक्ला द्वारा अपने उद्बोधन मे पुलिस के अधिकारी/कर्मचारियों को नये कानून के विषय पर चर्चा करते हुए कहा गया कि जिस प्रकार हमें समाज में बहुत से अधिकार दिये है वेसे ही हमारे कर्तव्य भी होते है जिसका पालन करना हमारी जिम्मेदारी है पूर्व में भारत में अंग्रेजो के द्वारा बनाये गये कानून लागू था जिसमें आज की स्थिति को देखते हुए बहुत से अपराधों पर कोई कानून बनाया नहीं गया है जैसे स्नेचिंग जिसमें किसी का मोबाईल, चैन, पर्स छीन कर भाग जाना जिस पर नये कानून में जोडा गया है महिलाओं एवं बच्चो से संबंधित अपराधों में दण्ड की प्रक्रिया को और कठोर किया गया है पूर्व में किसी अपराध की एफआईआर होने पर पुलिस को 60 दिन, 90 दिनों में चालान पेश करना होता था जिस पर न्यायालय द्वारा न्याय के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं थी परंतु इस कानून में हर किसी के लिए पुलिस, वकील, न्यायालय एवं जो उससे संबंधित है सभी के लिए समय सीमा निर्धारित किया गया है और समय सीमा के अंदर ही पीडित को न्याय दिलाना नये कानून का उदद्ेश्य है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के अंतर्गत कही अपराध होता है और प्रार्थी वहां उपस्थित नहीं है उस स्थिति में प्रार्थी जहंा कही भी हो वही नजदीकी थाना से जीरो एफआईआर करा सकते है एफआईआर करना पुलिस का दायित्व है वह इनसे इंकार नहीं करेगा साथ ई एफआईआर के अंतर्गत घर में चोरी या घटना दुर्घटना होती है तो रजिस्टेªड ई मेल के माध्यम से पुलिस के रजिस्ट्रेड ई मेल या वाट्सअप के माध्यम से सूचना भेज जाने पर कार्यवाही करना आवश्यक एवं प्रार्थी को तीन दिवस के भीतर अंदर संबंधित थाने में उपस्थित होकर हस्ताक्षर करना अनिवार्य होगा। पुलिस अधीक्षक द्वारा सभी विवेचक को बताया गया कि किसी भी अपराध पर रेड, सर्च, सील, अपराधी एवं प्रार्थी का बयान लेते समय ऑडियो/वीडियोग्राफी करना आवश्यक है पुलिस के जवानों को अनुशासन मंे बना रहे इसलिए ट्रेनिंग कराई जाती है ताकि आप आम नागरिको से उनके अपेक्षाओं पर खडा उतरे और उनसे मधुर व्यवहार करें यह पुलिस के हर जवान का कर्तव्य है।
कार्यशाला में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, वेदव्रत सिरमौर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पदमश्री तवर, नगर पुलिस अधीक्षक भिलाई नगर सत्य प्रकाश तिवारी, उप पुलिस अधीक्षक, यातायात सतीष ठाकुर, उप पुलिस अधीक्षक लाईन चंद्रप्रकाश तिवारी, रक्षित निरीक्षक नीलकंठ वर्मा एवं पुलिस के अन्य अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थित रहें।